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माँ कामाख्या मंदिर की रहस्यमयी तांत्रिक परंपराएँ

  माँ कामाख्या देवी मंदिर भारत एक धार्मिक और सांस्कृतिक विविधताओं से भरपूर देश है, जहां अनेक देवी-देवताओं के मंदिर स्थित हैं। इन मंदिरों में से एक अत्यंत महत्वपूर्ण और रहस्यमयी मंदिर है – माँ कामाख्या देवी मंदिर , जो असम राज्य के गुवाहाटी शहर के पास नीलाचल पर्वत पर स्थित है। मंदिर का इतिहास और महत्व माँ कामाख्या देवी को शक्ति की देवी माना जाता है और यह मंदिर शक्तिपीठों में से एक प्रमुख शक्तिपीठ है। मान्यता है कि जब माता सती ने आत्मदाह किया था, तब भगवान शिव उनके शरीर को लेकर पूरे ब्रह्मांड में घूमने लगे थे। तब भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से माता सती के शरीर के अंगों को विभाजित कर दिया, जिससे वे स्थान शक्तिपीठ बन गए। कामाख्या मंदिर उसी स्थान पर बना है जहाँ माता सती का योनिभाग गिरा था, इसलिए इसे स्त्री शक्ति और प्रजनन की देवी का प्रतीक माना जाता है। मंदिर की विशेषताएँ माँ कामाख्या का यह मंदिर नारी शक्ति और तांत्रिक साधनाओं का प्रमुख केंद्र है। यह मंदिर तंत्र साधकों के लिए एक पवित्र स्थल है और हर साल हजारों भक्त और साधक यहाँ दर्शन करने आते हैं। मंदिर की वास्तुकला असम और बंगाल की शैली ...

माँ कामाख्या: स्त्रीत्व और शक्ति की पूजा

  माँ कामाख्या देवी मंदिर भारत एक धार्मिक और सांस्कृतिक विविधताओं से भरपूर देश है, जहां अनेक देवी-देवताओं के मंदिर स्थित हैं। इन मंदिरों में से एक अत्यंत महत्वपूर्ण और रहस्यमयी मंदिर है – माँ कामाख्या देवी मंदिर , जो असम राज्य के गुवाहाटी शहर के पास नीलाचल पर्वत पर स्थित है। मंदिर का इतिहास और महत्व माँ कामाख्या देवी को शक्ति की देवी माना जाता है और यह मंदिर शक्तिपीठों में से एक प्रमुख शक्तिपीठ है। मान्यता है कि जब माता सती ने आत्मदाह किया था, तब भगवान शिव उनके शरीर को लेकर पूरे ब्रह्मांड में घूमने लगे थे। तब भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से माता सती के शरीर के अंगों को विभाजित कर दिया, जिससे वे स्थान शक्तिपीठ बन गए। कामाख्या मंदिर उसी स्थान पर बना है जहाँ माता सती का योनिभाग गिरा था, इसलिए इसे स्त्री शक्ति और प्रजनन की देवी का प्रतीक माना जाता है। मंदिर की विशेषताएँ माँ कामाख्या का यह मंदिर नारी शक्ति और तांत्रिक साधनाओं का प्रमुख केंद्र है। यह मंदिर तंत्र साधकों के लिए एक पवित्र स्थल है और हर साल हजारों भक्त और साधक यहाँ दर्शन करने आते हैं। मंदिर की वास्तुकला असम और बंगाल की शैली ...

देवी के दिव्य दर्शन: कामाख्या मंदिर की यात्रा

  माँ कामाख्या देवी मंदिर भारत एक धार्मिक और सांस्कृतिक विविधताओं से भरपूर देश है, जहां अनेक देवी-देवताओं के मंदिर स्थित हैं। इन मंदिरों में से एक अत्यंत महत्वपूर्ण और रहस्यमयी मंदिर है – माँ कामाख्या देवी मंदिर , जो असम राज्य के गुवाहाटी शहर के पास नीलाचल पर्वत पर स्थित है। मंदिर का इतिहास और महत्व माँ कामाख्या देवी को शक्ति की देवी माना जाता है और यह मंदिर शक्तिपीठों में से एक प्रमुख शक्तिपीठ है। मान्यता है कि जब माता सती ने आत्मदाह किया था, तब भगवान शिव उनके शरीर को लेकर पूरे ब्रह्मांड में घूमने लगे थे। तब भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से माता सती के शरीर के अंगों को विभाजित कर दिया, जिससे वे स्थान शक्तिपीठ बन गए। कामाख्या मंदिर उसी स्थान पर बना है जहाँ माता सती का योनिभाग गिरा था, इसलिए इसे स्त्री शक्ति और प्रजनन की देवी का प्रतीक माना जाता है। मंदिर की विशेषताएँ माँ कामाख्या का यह मंदिर नारी शक्ति और तांत्रिक साधनाओं का प्रमुख केंद्र है। यह मंदिर तंत्र साधकों के लिए एक पवित्र स्थल है और हर साल हजारों भक्त और साधक यहाँ दर्शन करने आते हैं। मंदिर की वास्तुकला असम और बंगाल की शैली ...

शक्तिपीठों में प्रथम: माँ कामाख्या का पवित्र स्थल

  माँ कामाख्या देवी मंदिर भारत एक धार्मिक और सांस्कृतिक विविधताओं से भरपूर देश है, जहां अनेक देवी-देवताओं के मंदिर स्थित हैं। इन मंदिरों में से एक अत्यंत महत्वपूर्ण और रहस्यमयी मंदिर है – माँ कामाख्या देवी मंदिर , जो असम राज्य के गुवाहाटी शहर के पास नीलाचल पर्वत पर स्थित है। मंदिर का इतिहास और महत्व माँ कामाख्या देवी को शक्ति की देवी माना जाता है और यह मंदिर शक्तिपीठों में से एक प्रमुख शक्तिपीठ है। मान्यता है कि जब माता सती ने आत्मदाह किया था, तब भगवान शिव उनके शरीर को लेकर पूरे ब्रह्मांड में घूमने लगे थे। तब भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से माता सती के शरीर के अंगों को विभाजित कर दिया, जिससे वे स्थान शक्तिपीठ बन गए। कामाख्या मंदिर उसी स्थान पर बना है जहाँ माता सती का योनिभाग गिरा था, इसलिए इसे स्त्री शक्ति और प्रजनन की देवी का प्रतीक माना जाता है। मंदिर की विशेषताएँ माँ कामाख्या का यह मंदिर नारी शक्ति और तांत्रिक साधनाओं का प्रमुख केंद्र है। यह मंदिर तंत्र साधकों के लिए एक पवित्र स्थल है और हर साल हजारों भक्त और साधक यहाँ दर्शन करने आते हैं। मंदिर की वास्तुकला असम और बंगाल की शैली ...

माँ कामाख्या मंदिर का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व

माँ कामाख्या देवी मंदिर भारत एक धार्मिक और सांस्कृतिक विविधताओं से भरपूर देश है, जहां अनेक देवी-देवताओं के मंदिर स्थित हैं। इन मंदिरों में से एक अत्यंत महत्वपूर्ण और रहस्यमयी मंदिर है – माँ कामाख्या देवी मंदिर , जो असम राज्य के गुवाहाटी शहर के पास नीलाचल पर्वत पर स्थित है। मंदिर का इतिहास और महत्व माँ कामाख्या देवी को शक्ति की देवी माना जाता है और यह मंदिर शक्तिपीठों में से एक प्रमुख शक्तिपीठ है। मान्यता है कि जब माता सती ने आत्मदाह किया था, तब भगवान शिव उनके शरीर को लेकर पूरे ब्रह्मांड में घूमने लगे थे। तब भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से माता सती के शरीर के अंगों को विभाजित कर दिया, जिससे वे स्थान शक्तिपीठ बन गए। कामाख्या मंदिर उसी स्थान पर बना है जहाँ माता सती का योनिभाग गिरा था, इसलिए इसे स्त्री शक्ति और प्रजनन की देवी का प्रतीक माना जाता है। मंदिर की विशेषताएँ माँ कामाख्या का यह मंदिर नारी शक्ति और तांत्रिक साधनाओं का प्रमुख केंद्र है। यह मंदिर तंत्र साधकों के लिए एक पवित्र स्थल है और हर साल हजारों भक्त और साधक यहाँ दर्शन करने आते हैं। मंदिर की वास्तुकला असम और बंगाल की शैली को दर्...

माँ कामाख्या देवी मंदिर: एक रहस्यमयी शक्तिपीठ

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  माँ कामाख्या देवी मंदिर भारत एक धार्मिक और सांस्कृतिक विविधताओं से भरपूर देश है, जहां अनेक देवी-देवताओं के मंदिर स्थित हैं। इन मंदिरों में से एक अत्यंत महत्वपूर्ण और रहस्यमयी मंदिर है – माँ कामाख्या देवी मंदिर , जो असम राज्य के गुवाहाटी शहर के पास नीलाचल पर्वत पर स्थित है। मंदिर का इतिहास और महत्व माँ कामाख्या देवी को शक्ति की देवी माना जाता है और यह मंदिर शक्तिपीठों में से एक प्रमुख शक्तिपीठ है। मान्यता है कि जब माता सती ने आत्मदाह किया था, तब भगवान शिव उनके शरीर को लेकर पूरे ब्रह्मांड में घूमने लगे थे। तब भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से माता सती के शरीर के अंगों को विभाजित कर दिया, जिससे वे स्थान शक्तिपीठ बन गए। कामाख्या मंदिर उसी स्थान पर बना है जहाँ माता सती का योनिभाग गिरा था, इसलिए इसे स्त्री शक्ति और प्रजनन की देवी का प्रतीक माना जाता है। मंदिर की विशेषताएँ माँ कामाख्या का यह मंदिर नारी शक्ति और तांत्रिक साधनाओं का प्रमुख केंद्र है। यह मंदिर तंत्र साधकों के लिए एक पवित्र स्थल है और हर साल हजारों भक्त और साधक यहाँ दर्शन करने आते हैं। मंदिर की वास्तुकला असम और बंगाल की शैली ...

माँ कामाख्या देवी की अपार महिमा

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  माँ कामाख्या देवी: तंत्र की अधिष्ठात्री और शक्ति की प्रतीक भारत भूमि देवी-उपासना की महान परंपरा की वाहक रही है। इस पावन धरती पर अनेक शक्तिपीठ स्थित हैं, जिनमें से एक अत्यंत महत्वपूर्ण और रहस्यमय शक्तिपीठ है — माँ कामाख्या देवी मंदिर , जो असम के गुवाहाटी शहर के पास नीलांचल पर्वत पर स्थित है। यह स्थान केवल एक तीर्थ ही नहीं, बल्कि तंत्र साधना, स्त्री-शक्ति की आराधना और आध्यात्मिक चेतना का केंद्र है। कामाख्या देवी का पौराणिक महत्व माँ कामाख्या देवी को सती के अंगों से जुड़ी कथा से जोड़ा जाता है। जब भगवान शिव सती के मृत शरीर को लेकर आकाश मार्ग से चलने लगे, तब विष्णु जी ने सुदर्शन चक्र से सती के शरीर के टुकड़े किए, ताकि भगवान शिव को विराम मिले। जहां-जहां सती के अंग गिरे, वहां-वहां शक्तिपीठों की स्थापना हुई। कहा जाता है कि माँ कामाख्या शक्तिपीठ वह स्थान है जहां सती की योनि गिरी थी। इसलिए इसे जननी शक्ति का प्रतीक और स्त्री-शक्ति की सर्वोच्च आराधना का स्थल माना जाता है। तांत्रिक परंपरा और कामाख्या माँ कामाख्या देवी को तंत्र की अधिष्ठात्री देवी माना जाता है। यह मंदिर तांत्रिकों का प्रमुख ...